राम जी के जीवन को आचरण में लेकर मर्यादित व सदाचारी बनें : पं. श्री देव कृष्ण शास्त्री

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SSE NEWS NETWORK (Neemuch) 16-01-2024 Devotional

बेर का बदला प्रेम से दें जीवन सुधर जायेगा

कुकडेश्वर : राम राज्य की हम बात करते हैं, लेकिन राम के जैसा बनने की नहीं सोचते राम राज्य अगर चाहते हैं तो भाई-भाई में प्रेम होना आवश्यक है आज भाई भाई का दुश्मन बना है कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं राम कथा का सार है कि जो भाई से प्रेम करेगा वही राम की कृपा प्राप्त करेगा। हमें जिवन सुखमय बनाना है तो भगवान राम को जानना होगा रामचंद्र भगवान की उदारता एवं उनके चरित्र सरलता मानवता को हमारे जीवन के निर्माण हेतु आचरण में उतारें राम जी को खुश करना चाहते हो तो उनके जैसे आचरण मय जीवन में बना रहे। राम जी सदाचारी सरल और मर्यादित पुरुष थे हमें भी जीवन में सदाचारी बनकर मर्यादित रहकर मनुष्य जन्म सफल बना सकते हैं।उक्त बात श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण पर वाल्मीकि श्री राम कथा के राम महोत्सव के द्वितीय दिवस व्यास गादी से पंडित श्री देव कृष्ण शास्त्री उचेड़ वाले ने संगीतमय धारा प्रभावित कथा में व्यक्त करते हुए श्रौताओं से कहा की जीवन कैसा जीना है और जीवन में किस प्रकार का आचरण करना है मानव जीवन को जीने की कला सिखाने के लिए प्रभु श्री राम प्रकट हुए राम का अवतार हुआ आपने बताया वाल्मीकि रामायण में रामचरित्र दिव्य है तो मां जगदंबा सीता माता का चरित्र अति दिव्य हैं राम जी के चरित्र का वर्णन तो हम सुन रहे हैं। और हमें राम जी जैसा जीवन जीना चाहिए लेकिन हर माता बहने को सीता जी के आदर्श मय जीवन को भी अपने आचरण में लेकर स्त्री व्रता धर्म का पालन करना चाहिए सीता माता के चरित्र से स्त्री धर्म को आतिश श्रेष्ठतम बताया और पतिव्रता धर्म पालन करने वाली बताया गया है। हर महिला मां जगदंबा स्वरुपा हैं प्रत्येक घर में रहकर ग्रहणी धर्म का पालन करते हुए सहनशील वात्सल्य मूर्ति भाव वाली होती है। हमें भी सीता माता के जीवन चरित्र को आचरण में लेकर इस मानव जीवन को सफल बनाना है हर परिवार में खुशियांली सफल  जीवन जीने के लिए राम सीता के चरित्र को हमेशा याद कर उनके आदर्श को अपनाते हुए गृहस्थ जीवन जीने वाला प्रत्येक  प्राणी हमेशा सुखी व समृद्ध और शक्तिशाली रहता है। वाल्मीकि जी द्वारा रचित श्री राम कथा में लव कुश द्वारा श्रीराम जी के सम्मुख राम कथा का भाव विरोध वर्णन किया जिसका वर्णन हम सुनते हैं राम कथा में पंडित श्री शास्त्री जी ने कहा कि बेर का बदला प्रेम से देना चाहिए बेर का बदला अगर बेर से देंगे तो मानवता खत्म हो जाएगी, व द्वेषता, दुश्मनी बढ़ती रहेगी अगर बेर का बदलाव प्रेम से दिया तो आत्मिक शांति प्राप्त होगी व बेर खत्म होकर प्रेम में प्रणीत हो जाएगा श्री राम कथा में घर परिवार पर कई दृष्टांत देते हुए संगीतमय कथा के दौरान भजनों की धुन पर माताएं बहने व पुरुष अपने आप को रोक ना सके व झूम उठे श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव के प्रांगण में सीताराम मित्र मंडल के तत्वाधान में जन सहयोग से चल रही राम कथा के दूसरे रोज नगर एवं आसपास के सैकड़ो महिला पुरुष ने कथा श्रवण का लाभ लिया कथा के दौरान  आरती व प्रसाद का लाभ प्रथम दिन अर्जुन धनगर दुसरे दिन जिनेंद्र सोनी ने लिया।

रिपोर्ट : मनोज खाबिया