घर घर में गाय बंधे तो भारत पुनः सोने की चिड़िया बन सकता है,साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती

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Arpit Hardeniya (Agar Malwa) 03-03-2024 Regional

अर्पित हरदेनिया:रिपोर्ट 
आगर मालवा: निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए पुरानी धान मंडी प्रांगण आगर में चल रही दिव्य श्री गो कथा के दूसरे दिन भगवती गो माता जी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि राजा दिलीप नित्य प्रति गोमाता को घुमाने जाते थे लेकिन आज के समय में अपने आप को सभ्य मानने वाला कुत्ते के गले में बेल्ट से रस्सी बांधकर उसे पाखाना करवाने के लिए सड़क में घुमाने पर  गौरव महसूस करता है । अगर आज भी प्रत्येक घर में गोमाता की सेवा की जाएं तो भारत पुनः सोने की चिड़िया बन सकता है ।
   साध्वी जी ने बताया कि देश की सरकारों ने स्वेत क्रान्ति के नाम पर विदेशी नस्ल के  जर्सी, होलेस्टन जैसे पशु को बढ़ावा देकर भारतीय वेदलक्षणा गोवंश को कम किया है वेदलक्षणा गोवंश  के कन्धे पर शिवलिंग जैसा उभार होता  हैओर गले में गलमाल हो ।
     पूज्या साध्वी ने कहा कि कोई बांझ स्त्री को बूढ़े बैल भगवान का मूत्र सूंघाया जाएं तो उसका बांझपन नहीं रहता है । पहले लोग अपने घरों में गोमाता रखते है और खेती के लिए बैल का उपयोग करते थे  और उन बैलों की सेवा घर की बहुएं करती है जिसके कारण उनमें बांझपन की समस्या नहीं रहती थी । और गर्भवती माताओं को गोदुग्ध का  सेवन करवाया जाता है जिससे उनके सुन्दर एवं आज्ञापालन करने वाली संतान पैदा होती थी और वे अपने माता पिता की सेवा करते थे लेकिन आजकल भेंस अथवा जर्सी पशु का दुग्ध पिलाया जाता है, जिससे संतान भी विकृत एवं मां बाप को दुःख देने वाली पैदा हो रहीं है ।