पर्यावरण सेवकों ने मेहमानों को तांबे के लोटों से जलपान कराकर भोजन को जूठा न छोङने का दिलाया संकल्प
भीलवाड़ा/धोरीमन्ना उपखण्ड के नेङीनाडी ग्राम पंचायत के शिव मंदिर में प्रभुराम तेतरवाल ने सेवानिवृत्ति समारोह में पर्यावरण सेवकों की अनूठी पहल का समर्थन करते हुए प्लास्टिक कप-गिलासों की जगह मिट्टी के कुलङ का इस्तेमाल कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और नशे की सामूहिक मनुहार पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रखकर समाज के सामने नशा प्रवृत्ति रोकने का उदाहरण पेशकर सबको प्रेरित किया।समारोह में पर्यावरण सेवकों ने पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या से आम जनता को रूबरू करने के लिए पर्यावरण प्रदर्शनी लगाई जिसमें प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारकों से अवगत कराते हुए निवारण का भी मार्ग बताकर सबको पर्यावरण के प्रति अपनी-अपनी नैतिक जिम्मेदारी से अवगत कराया व भोजनशाला में लोग भोजन का जूठा न छोङे इसके लिए लोगों को अन्न की समस्या से अवगत कराते हुए अन्नदेव का महत्व बताते हुए भोजन का जूठन न के बराबर छोङने दिया।साथ ही मेहमानों को प्लास्टिक बोतलों की जगह तांबे के लोटों से जलपान कराकर प्राचीन भारतीय संस्कृति को अपनाने हेतु प्रेरित किया ताकि प्लास्टिक बोतलों से होने वाली बीमारियों से हमारा बचाव हो सके और हमारा जीवन खुशहाल बीते। समारोह में पर्यावरण सेवक स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई,गुमानाराम साऊ, हरिराम गोदारा खाराणी,श्रीराम पत्रकार,मोहनलाल कालिराणा, बुधराम भादू वकील,गंगाराम खिचङ गडरा,जितेन्द्र सहित कई पर्यावरण सेवकों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर सभी लोगों को जागरूक किया।
रिपोर्ट : राजकुमार गोयल
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राज्य : नवाचार की पहल - सेवानिवृत्त समारोह में सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास की जगह मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल
पर्यावरण सेवकों ने मेहमानों को तांबे के लोटों से जलपान कराकर भोजन को जूठा न छोङने का दिलाया संकल्प
भीलवाड़ा/धोरीमन्ना उपखण्ड के नेङीनाडी ग्राम पंचायत के शिव मंदिर में प्रभुराम तेतरवाल ने सेवानिवृत्ति समारोह में पर्यावरण सेवकों की अनूठी पहल का समर्थन करते हुए प्लास्टिक कप-गिलासों की जगह मिट्टी के कुलङ का इस्तेमाल कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और नशे की सामूहिक मनुहार पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रखकर समाज के सामने नशा प्रवृत्ति रोकने का उदाहरण पेशकर सबको प्रेरित किया।समारोह में पर्यावरण सेवकों ने पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या से आम जनता को रूबरू करने के लिए पर्यावरण प्रदर्शनी लगाई जिसमें प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारकों से अवगत कराते हुए निवारण का भी मार्ग बताकर सबको पर्यावरण के प्रति अपनी-अपनी नैतिक जिम्मेदारी से अवगत कराया व भोजनशाला में लोग भोजन का जूठा न छोङे इसके लिए लोगों को अन्न की समस्या से अवगत कराते हुए अन्नदेव का महत्व बताते हुए भोजन का जूठन न के बराबर छोङने दिया।साथ ही मेहमानों को प्लास्टिक बोतलों की जगह तांबे के लोटों से जलपान कराकर प्राचीन भारतीय संस्कृति को अपनाने हेतु प्रेरित किया ताकि प्लास्टिक बोतलों से होने वाली बीमारियों से हमारा बचाव हो सके और हमारा जीवन खुशहाल बीते। समारोह में पर्यावरण सेवक स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई,गुमानाराम साऊ, हरिराम गोदारा खाराणी,श्रीराम पत्रकार,मोहनलाल कालिराणा, बुधराम भादू वकील,गंगाराम खिचङ गडरा,जितेन्द्र सहित कई पर्यावरण सेवकों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर सभी लोगों को जागरूक किया।