बैतूल जिले के कोतवाली क्षेत्र में नाबालिग बच्चों को जमीन पर बैठाया जाने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग बच्चों को चोरी के मामले में कोतवाली पुलिस थाने लेकर आई थी। इसके बाद दो दिन बच्चों को थाने पर रखा गया और फिर इन्हें छोड़ दिया गया। जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट, 2015 के अनुसार नाबालिगों को किसी भी अपराध में थाने में नहीं रखा जा सकता है। यदि नाबालिग को किसी अपराध में गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे बाल कल्याण पुलिस अधिकारी की देखरेख में एक सुरक्षित घर में रखा जाना चाहिए, न कि थाने में। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, बैतूल से घटना की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
बैतूल जिले के कोतवाली क्षेत्र में नाबालिग बच्चों को जमीन पर बैठाया जाने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग बच्चों को चोरी के मामले में कोतवाली पुलिस थाने लेकर आई थी। इसके बाद दो दिन बच्चों को थाने पर रखा गया और फिर इन्हें छोड़ दिया गया। जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट, 2015 के अनुसार नाबालिगों को किसी भी अपराध में थाने में नहीं रखा जा सकता है। यदि नाबालिग को किसी अपराध में गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे बाल कल्याण पुलिस अधिकारी की देखरेख में एक सुरक्षित घर में रखा जाना चाहिए, न कि थाने में। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, बैतूल से घटना की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।