नलखेड़ा : स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी. एल. रावल की अध्यक्षता एवं अरूण त्रिवेदी , सत्यनारायण बंसिया , जयनारायण चौधरी के मुख्य आतिथ्य मे मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण किया । इसके तत्पश्चात मुख्य अतिथि सत्यनारायण बंसिया द्वारा उपस्थित परिक्षार्थियों को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा शुरू होने के पूर्व उपस्थित परीक्षार्थियों को परीक्षा से संबंधित जानकारी से अवगत कराया । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल रावल द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए परीक्षार्थियों को शुभकामनाएं दी । भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ सुखदेव बैरागी ने प्राचीन भारतीय संस्कृति, सभ्यता व भाषा की महत्ता बताते हुए प्राचीन भारतीय संस्कृति का संबंध विज्ञान, प्रोद्योगिकी, तकनीकी क्षेत्र में भारतीय विज्ञान को सशक्त व उन्नत बनाने वाले भास्कराचार्य, आर्यभट्ट, ब्रम्ह गुप्त कणाद के अद्वितीय योगदान पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का संचालन किया । भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ जितेन्द्र चावरे ने प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं गौरवशाली परंपराओं को वर्तमान युवा पीढ़ी को आत्मसात करने की आवश्यकता है भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए पुनः इस देश को विश्व गुरु हम बना सकते हैं साथ ही उपस्थित सभी का आभार माना।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. गीतेश कुमार डावर व भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ सर्वेश व्यास, डॉ गोपाल कुरील सहित। छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे l
शहर : शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित हुई
नलखेड़ा : स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी. एल. रावल की अध्यक्षता एवं अरूण त्रिवेदी , सत्यनारायण बंसिया , जयनारायण चौधरी के मुख्य आतिथ्य मे मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण किया । इसके तत्पश्चात मुख्य अतिथि सत्यनारायण बंसिया द्वारा उपस्थित परिक्षार्थियों को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा शुरू होने के पूर्व उपस्थित परीक्षार्थियों को परीक्षा से संबंधित जानकारी से अवगत कराया । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल रावल द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए परीक्षार्थियों को शुभकामनाएं दी । भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ सुखदेव बैरागी ने प्राचीन भारतीय संस्कृति, सभ्यता व भाषा की महत्ता बताते हुए प्राचीन भारतीय संस्कृति का संबंध विज्ञान, प्रोद्योगिकी, तकनीकी क्षेत्र में भारतीय विज्ञान को सशक्त व उन्नत बनाने वाले भास्कराचार्य, आर्यभट्ट, ब्रम्ह गुप्त कणाद के अद्वितीय योगदान पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का संचालन किया । भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ जितेन्द्र चावरे ने प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं गौरवशाली परंपराओं को वर्तमान युवा पीढ़ी को आत्मसात करने की आवश्यकता है भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए पुनः इस देश को विश्व गुरु हम बना सकते हैं साथ ही उपस्थित सभी का आभार माना।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. गीतेश कुमार डावर व भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ सर्वेश व्यास, डॉ गोपाल कुरील सहित। छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे l