मल्हारगढ़ : कांग्रेसियों ने बिजली कंपनी की कार्रवाई को बताया काला कानून, वापस लेने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
बिजली कंपनी द्वारा सिंचाई फीडर बकायादारों के बैंक खाते होल्ड करवाए जा रहे हैं। इसे लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने विरोध जताया। किसानों के साथ शुक्रवार को दोपहर 1 बजे राज्यपाल के नाम ज्ञापन एसडीएम रवींद्र परमार व डिविजनल इंजीनियर जयपाल सिंह ठाकुर को सौंपा। इसमें कहा कि यह काला कानून तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
ज्ञापन का वाचन करते हुए ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि बिजली वितरण कंपनी एक काला कानून लेकर आई है। इसमें बकायादार किसानों के निजी खातों का लेन-देन रुकवा दिया गया है। यह किसी भी तरीके से न्यायसंगत न होकर तानाशाही पूर्ण निर्णय है। बड़े-बड़े उद्योगपतियों पर कंपनी के लाखों रुपए बकाया हैं। उनसे कभी सख्ती नहीं की जाती है। उल्टे उनके बिल माफ भी किए जाते हैं। मतलब "सुई को तो फांसी व तलवार को माफी" यह नहीं चलेगा।
किसान, गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारियों पर वसूली को लेकर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। यह सरासर गलत है। पदाधिकारियों ने मांग करते हुए कहा कि बकायादारों के होल्ड किए गए खातों को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता बिजली कंपनी के डिविजनल इंजीनियर जयपालसिंह ठाकुर से भी मिले व उन्हें भी ज्ञापन सौंपकर किसानों को राहत दिलाने की मांग की। इस मौके पर जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष अजित कुमठ ने घरेलू उपभोक्ताओं के खपत से ज्यादा बिल आने का मुद्दा भी रखा व बताया कि पहले जब बल्ब जलते थे तब बिल कम आते थे। विभाग के कहने पर की एलईडी लगाई कि खपत कम होगी लेकिन बिल चार गुना आ रहे हैं।
शहर : उद्योगपतियों पर कंपनी के लाखों रु. बकाया, वसूली के लिए छोटे किसानों को किया जा रहा है परेशान
मल्हारगढ़ : कांग्रेसियों ने बिजली कंपनी की कार्रवाई को बताया काला कानून, वापस लेने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
बिजली कंपनी द्वारा सिंचाई फीडर बकायादारों के बैंक खाते होल्ड करवाए जा रहे हैं। इसे लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने विरोध जताया। किसानों के साथ शुक्रवार को दोपहर 1 बजे राज्यपाल के नाम ज्ञापन एसडीएम रवींद्र परमार व डिविजनल इंजीनियर जयपाल सिंह ठाकुर को सौंपा। इसमें कहा कि यह काला कानून तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
ज्ञापन का वाचन करते हुए ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि बिजली वितरण कंपनी एक काला कानून लेकर आई है। इसमें बकायादार किसानों के निजी खातों का लेन-देन रुकवा दिया गया है। यह किसी भी तरीके से न्यायसंगत न होकर तानाशाही पूर्ण निर्णय है। बड़े-बड़े उद्योगपतियों पर कंपनी के लाखों रुपए बकाया हैं। उनसे कभी सख्ती नहीं की जाती है। उल्टे उनके बिल माफ भी किए जाते हैं। मतलब "सुई को तो फांसी व तलवार को माफी" यह नहीं चलेगा।
किसान, गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारियों पर वसूली को लेकर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। यह सरासर गलत है। पदाधिकारियों ने मांग करते हुए कहा कि बकायादारों के होल्ड किए गए खातों को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता बिजली कंपनी के डिविजनल इंजीनियर जयपालसिंह ठाकुर से भी मिले व उन्हें भी ज्ञापन सौंपकर किसानों को राहत दिलाने की मांग की। इस मौके पर जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष अजित कुमठ ने घरेलू उपभोक्ताओं के खपत से ज्यादा बिल आने का मुद्दा भी रखा व बताया कि पहले जब बल्ब जलते थे तब बिल कम आते थे। विभाग के कहने पर की एलईडी लगाई कि खपत कम होगी लेकिन बिल चार गुना आ रहे हैं।