अगर आप अपने हृदय से या दिमाग से सोच कर निर्णय लेते हैं तो वह गलत हो सकते हैं। परन्तु अगर आप अपनी अंतरात्मा की ध्वनि सुनकर निर्णय लेते हैं वह कभी भी गलत नहीं हो सकता।
अगर आप अपने हृदय से या दिमाग से सोच कर निर्णय लेते हैं तो वह गलत हो सकते हैं। परन्तु अगर आप अपनी अंतरात्मा की ध्वनि सुनकर निर्णय लेते हैं वह कभी भी गलत नहीं हो सकता।