मन ही इंसान का सबसे बड़ा शत्रु और सबसे बड़ा मित्र भी है, जिसने मन को नियंत्रित कर लिया उसके लिए वह मित्र की तरह काम करता है, और जिसने वश में नहीं किया उसके लिए मन शत्रु है।
मन ही इंसान का सबसे बड़ा शत्रु और सबसे बड़ा मित्र भी है, जिसने मन को नियंत्रित कर लिया उसके लिए वह मित्र की तरह काम करता है, और जिसने वश में नहीं किया उसके लिए मन शत्रु है।