स्‍क्रब टायफस से बचाव के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने दी सलाह

Like 19 Views 170
SSE NEWS NETWORK (Neemuch) 07-10-2023 Health

नीमच : स्‍क्रब टायफस एक जीवाणु संक्रमण से होने वाली बीमारी है, जो विशिष्ट बैक्टीरिया रिकेट्रसिया नामक समुह से संबंधित है यह रोग पिस्सु घुन आदि जैसे छोटे कीडो के काटने से फैलता है। स्क्रब टायफस का संक्रमण छोटे लार्वा माइटस (चिगर्स) के माध्यम से फैलता है। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी ने बताया, कि इस रोग के लक्षण स्क्रब टाइफस रोग के लक्षण आम तौर पर किसी व्यक्ति को काटने के सप्ताह से दस दिनों के भीतरदिखाई देते है, जो कि निम्नानुसार है। शरीर में दर्द तथा मांस पेसियो में ऐठन होना,सिरदर्द, ठंड कपकपी के साथ बुखार आना, जहां लार्वा द्वारा काटा गया हो, सिगरेट के जले जैसा निशान होना, बढे हुए लिम्फ नोडस, मानसिक भ्रम की स्थिति होना, अधिक गंभीर रोग की स्थिति में कोमा में आना, रोग गंभीर होने पर मल्टी आर्गन फेलियर होना।

रोग का निदान:-स्क्रब टायफस रोग के लक्षण कई अन्य बीमारीयो के समान होते है, जिस कारण बिमारी को प्रारंभिक चरण में पहचानना मुश्किल होता है, परन्तु मलेरिया डेंगु से मिलते जुलते लक्षण होने के कारण यदि यह रोग पाजिटिव नही पाया जाता और लक्षण बने रहते है तो टायफस की जांच करवाना चाहिए।

संकमण की रोकथाम:- घनी झाडियो वाले क्षेत्रो मे जाने से बचना चाहिए, खेत तथा झाडी वाले स्थानो पर जाते समय पूरी बाहो में कपडे पहनना चाहिए तथा शरिर केखुले स्थानों पर कड़वा तेल या लोसन लगाना चाहिए, गांव या खुले स्थानों पर रात्री मे विश्राम करते समय मच्छरदानी को उपयोग करना चाहिए घर के आसपास झाडियां होने पर उन्हें काट देना चाहिए।दो दिन से ज्यादा बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह ले।

     मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जनहित में सलाह दी गई है, कि जिले केकिसी भी व्यक्ति को यदि दो दिनों के ज्यादा बुखार के लक्षण दिखाई दे तथा बुखार ठीक नही हो रहाहो, तो तत्काल जिला चिकित्सालय मे चिकित्सक से परामर्श प्राप्त करे तथा रोग के प्रसार कीरोकथाम में सहयोगी बने।