गरीब कारीगरों और शिल्पकारों के हुनर को और बढ़ावा दे रही है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
नीमच : देश में कारीगरों और शिल्पकारों के हुनर की कोई कमी नही है, ऐसे में परंपरागत हुनरमंदों को बढ़ावा दे रही है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना। इस योजना की शुरुआत देश के गरीब कारीगरों और शिल्पकारों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने 17 दिसंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की थी। पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत बेरोजगार लोगों को ट्रेनिंग एवं ऋण के माध्यम से रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना में सरकार द्वारा बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, नाई, मोची, मूर्तिकार, खिलौना निर्माता आदि परम्परागत रोजगार से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
नीमच जिले के ग्राम बामोरा निवासी सैलून संचालक श्री विष्णु सेन ने इस योजना का लाभ लिया हैं। इस योजना से विष्णु को ट्रेनिगं के दौरान 4000 रुपये मिले। ट्रेनिंग के बाद उसे 50 हजाररुपये का ऋण भी आसानी से मिल गया। इस राशि से उसने अपने सैलून का सामान खरीदा और अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाया। जिससे अब उसका जीवन खुशहाल और समृद्ध हुआ हैं। विष्णु को मिली आर्थिक सहायता से उसके व्यवसाय की खूब उन्नति हो रही है। विष्णु और उसका परिवार श्री मोदी जी का आभार मान रहे हैं।
नीमच जिले के बामोरा निवासी श्री विष्णु सेन ने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अंतर्गत आवेदन किया था, जिसमे मुझे ट्रेनिंग दी गई साथ ही ट्रेनिंग के समय 4000 रुपए भी मिले और इस योजना से हमे 50 हजार रुपए का ऋण भी प्राप्त हुआ और इस राशि को हमने दुकान में लगाया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से हम जैसे अनेक भाइयों को लाभ प्राप्त हुआ है। इस योजना से बहुत सारे व्यवसायों को नई तकनीकी प्रोत्साहन प्राप्त हुआ हैं।