आगर मालवा : स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विश्व मानवाधिकार दिवस लोकेश गुप्ता अधिवक्ता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक समरसता की जिला टोली सदस्य के मुख्य आतिथ्य एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल रावल की अध्यक्षता में मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लोकेश गुप्ता ने विश्व मानवाधिकार दिवस की मानव जीवन में आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमे समस्त मनाव जाति के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसकी स्वतंत्रता, सामाजिक समानता और प्रतिष्ठा का अधिकार ही मानव अधिकार है अतः प्रत्येक व्यक्ति की एक गरिमा होती है, इस कारण वह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है साथ ही मनुष्य होने के नाते उसे गरिमामय जीवन जीने का पूरा अधिकार है साथ ही उन्होंने कहा कि हमे प्रकृति से भी शिक्षा लेना चाहिए कि वह किसी भी प्रकार जैसे लिंग, जाति, रंग, धर्म में भेदभाव किये बिना सभी को समान रूप से जल,वायु, धुप व छाया प्रदान करती है जो एक मानव जाति के अस्तित्व के लिये ज़रूरी हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल रावल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्व मानवाधिकार दिवस के इतिहास व किन परिस्थितियों में इन अधिकारों की समस्त मानव जाति, पशु पक्षी व पर्यावरण आदि के संरक्षण हेतु आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इन अधिकारों के बिना मानव जीवन का हनन और गरिमा का विनाश हो जाता है। कार्यक्रम का संचालन भौतिक शास्त्र विभाग के डॉ सुखदेव बैरागी द्वारा किया गया एवं आभार इतिहास विभाग के डॉ जितेन्द्र चावरे द्वारा प्रकट किया l इस अवसर पर डॉ सर्वेश व्यास, डॉ जगदीश प्रसाद कुल्मी, डॉ प्रेरणा पाठक, महेन्द्र सिंह गुजराती, जैनुल आब्दीन अजमेरी, बलवंत सिंह दांगी एवं अनिल प्रजापति सहित महाविद्यालयीन विद्यार्थी उपस्थित रहेl
शहर : शासकीय महाविद्यालय में विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया गया
आगर मालवा : स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विश्व मानवाधिकार दिवस लोकेश गुप्ता अधिवक्ता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक समरसता की जिला टोली सदस्य के मुख्य आतिथ्य एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल रावल की अध्यक्षता में मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लोकेश गुप्ता ने विश्व मानवाधिकार दिवस की मानव जीवन में आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमे समस्त मनाव जाति के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसकी स्वतंत्रता, सामाजिक समानता और प्रतिष्ठा का अधिकार ही मानव अधिकार है अतः प्रत्येक व्यक्ति की एक गरिमा होती है, इस कारण वह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है साथ ही मनुष्य होने के नाते उसे गरिमामय जीवन जीने का पूरा अधिकार है साथ ही उन्होंने कहा कि हमे प्रकृति से भी शिक्षा लेना चाहिए कि वह किसी भी प्रकार जैसे लिंग, जाति, रंग, धर्म में भेदभाव किये बिना सभी को समान रूप से जल,वायु, धुप व छाया प्रदान करती है जो एक मानव जाति के अस्तित्व के लिये ज़रूरी हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल रावल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्व मानवाधिकार दिवस के इतिहास व किन परिस्थितियों में इन अधिकारों की समस्त मानव जाति, पशु पक्षी व पर्यावरण आदि के संरक्षण हेतु आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इन अधिकारों के बिना मानव जीवन का हनन और गरिमा का विनाश हो जाता है। कार्यक्रम का संचालन भौतिक शास्त्र विभाग के डॉ सुखदेव बैरागी द्वारा किया गया एवं आभार इतिहास विभाग के डॉ जितेन्द्र चावरे द्वारा प्रकट किया l इस अवसर पर डॉ सर्वेश व्यास, डॉ जगदीश प्रसाद कुल्मी, डॉ प्रेरणा पाठक, महेन्द्र सिंह गुजराती, जैनुल आब्दीन अजमेरी, बलवंत सिंह दांगी एवं अनिल प्रजापति सहित महाविद्यालयीन विद्यार्थी उपस्थित रहेl