आगर मालवा : स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल के निर्देशानुसार क्षेत्र के प्रसिद्ध भागवताकर एवं मानस मर्मज्ञ श्री विष्णु दास जी बैरागी के मुख्य आतिथ्य एवं प्राचार्य डॉ. जी एल रावल की अध्यक्षता में गीता जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया l महोत्सव की शुरुआत माता गीता एवं माता सरस्वती की प्रतिमा पर पूजन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से की गई l कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विष्णु दास जी बैरागी ने अपने उद्बोधन में श्रीमद्भगवत गीता के श्लोको को विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से सरल एवं सहज दृष्टांतों से महाविद्यालय के स्टाफ एवं विद्यार्थियों के सम्मुख प्रस्तुत किया l उनके द्वारा गीता ज्ञान एवं श्री रामचरितमानस के प्रसंगों के माध्यम से विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी गई l उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण, उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में अध्ययन हेतु आए तो उन्होंने 64 दिन में 64 विद्याएं सीख कर अर्जुन जैसे पात्र को माध्यम बनाकर पूरे ब्रह्मांड को गीता रूपी ज्ञान दिया l उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि लगातार अभ्यास करने से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है l इस हेतु उन्होंने "करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान" दोहे का प्रयोग किया l आपने श्री रामचरितमानस में माता शबरी, निषादराज आदि प्रसंगों के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश दिया l उन्होंने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में कभी उच्च नीच छुआछूत को महत्व नहीं दिया गया है, अगर व्यक्ति पात्र है, तो ईश्वर स्वयं उसके दरवाजे पहुंच जाता है l उन्होंने कहा कि अगर जीवन में सत्य, धर्म, न्याय और इमान है तो लक्ष्मी स्वत व्यक्ति के घर आ जाती है l अतः स्टाफ एवं विद्यार्थियों को अपना हर काम नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखकर ईमानदारी से सर्वजन हिताय, और सर्वजन सुखाय हेतु करना चाहिए l उन्होंने बोला कि जो कुछ कक्षा कहा या पढ़ाया जाता है, उसका श्रवण करने के पश्चात मनन करना चाहिए, उसे जीवन में धारण करना और उसके पश्चात उसका अनुसरण करना तो जीवन सफल होगा l उन्होंने बोला कि दत्तात्रेय भगवान ने प्रकृति के हर एक प्राणी को अपना गुरु बनाया था, अत: आपके भी शिक्षा गुरु कई हो सकते हैं, अतः आप जिससे भी कुछ प्राप्त करें, उसका आदर करें और वसुदेव कुटुंबकम की भावना रखकर समाज हित में कार्य करें l जब लगातार प्रयत्न से, समाज सेवा से आपके अंदर पात्रता आएगी तो, सफलता स्वयं आपके द्वारा आएगी l उन्होंने विद्यार्थियों से मन लगाकर पढ़कर श्रेष्ठ स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता अपने क्षेत्र और अपने देश का नाम रोशन करने का आहवान किया l अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्था के प्राचार्य डॉ. जी एल रावल द्वारा भगवान श्री कृष्ण के लीला चरित्रों के माध्यम से गीता ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला गया l कार्यक्रम का संचालन डॉ. सर्वेश व्यास द्वारा किया गया एवं आभार भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. जितेंद्र चावरे द्वारा माना गया l इस अवसर पर भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. सुखदेव बैरागी, डॉ जगदीश कुल्मी सहित महाविद्यालय का स्टाफ एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे l
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