नीमच। भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में पासबुक प्रिंटिंग एक न सुलझने वाली समस्या है, कभी मशीन खराब कभी स्याही की कमी के चलते, कभी मेंटेनेंस न होने के कारण जहां पासबुक प्रिंटिंग नहीं हो पाती है, ग्राहकों को अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कभी जबरन आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है।
मिली जानकारी के अनुसार अंबेडकर रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक सुनील रामनानी, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के बरसों पुराने ग्राहक हैं, बैंक की अंबेडकर रोड शाखा में पासबुक प्रिंटर खराब होने के कारण उनको अपनी पासबुक में गलत प्रिंटिंग का सामना करना पड़ा। प्रिंटर ऐसी प्रिंट निकलता है जिसे पढ़ना संभव नहीं हो पाता है। श्री रामनानी का ये कहना है कि क्या बैंक के मैनेजर द्वारा भ्रष्टाचार कर इंक कार्टेज के पैसे हजम किए जा रहे है ?
श्री रामनानी ने बताया कि जब वे अपने परिवार के तीन अलग अलग खातों की अपनी पासबुक को अपडेट करने के लिए बैंक में जाकर मशीन में डाला, तो प्रिंटर की मशीन खराब होने के कारण मेरी पासबुक में अच्छे से प्रिंटिंग नहीं हुई। इस समस्या के कारण मुझे अपनी पासबुक को पढ़ने में मुश्किल हो रही थी।
जब उन्होंने इस समस्या के बारे में ब्रांच मैनेजर से बात की, तो उन्होंने मुझे बताया कि यह समस्या बैंक की तरफ से है,अब मुझे स्टेटमेंट लेना होगा,चूंकि यह सिस्टम से चलता है लेकिन मुझे इसके लिए चार्ज देना होगा। मुझे यह बात बहुत अजीब लगी कि बैंक के भ्रष्ट सिस्टम लिए मुझे चार्ज देना पड़े। तब शाखा प्रबंधक ने उन्हें बैंक की एक विशेष योजना में अपना पैसा निवेश करने का ऑफर दिया की यदि आप इस योजना में जमा करते हों तो पासबुक मुफ्त में प्रिंट करके देंगे।
इस समस्या के कारण ग्राहकों को बहुत परेशानी हो रही है। उन्हें अपनी पासबुक को अपडेट करने के लिए बार-बार बैंक में जाना पड़ रहा है, और उन्हें चार्ज भी देना पड़ रहा है। यह समस्या न केवल ग्राहकों के समय की बर्बादी है, बल्कि यह उनके पैसे की भी बर्बादी है।
तब श्री रामनानी ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के उच्चाधिकारियों से मेल भेजकर अनुरोध किया कि वे इस भ्रष्ट बैंक मैनेजर को टर्मिनेट करें और ग्राहकों की समस्याओं का समाधान करें और अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करें। बैंक को अपनी मशीनों को नियमित रूप से चेक करना चाहिए और आवश्यक मरम्मत करनी चाहिए। इसके अलावा, बैंक को अपने ग्राहकों को इस समस्या के लिए मुआवजा देना चाहिए। जब बैंक के उच्चाधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, और कोई जवाब देना मुनासिब नहीं समझा तब श्री रामनानी ने जिला पुलिस अधीक्षक को मेल के जरिए आवेदन दिया। तब पुलिस थाना नीमच कैंट के सुरेश बोराना जी ने बैंक जाकर उपस्थित अधिकारी को श्री रामनानी की समस्या को दूर करने का निर्देश दिया तब जाकर उनकी पासबुक दुरुस्त की जाकर बिना किसी चार्जेस के देते हुवे प्रिंट कर दी गई।
श्री रामनानी ने पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल एवं पुलिस थाना नीमच कैंट को धन्यवाद दिया। सुरेश बोराना का आभार व्यक्त किया है।