नीमच : नीमच जिले के ग्राम भोलियावास के किसान नंदकिशोर धाकड ने एक जिला एक उत्पाद के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ लेकर धनिया की प्रसंस्करण ईकाई की स्थापना कर खेती को उद्योग बना दिया है। अब वे धनिया का प्रसंस्करण कर, पाउडर बनाकर उसकी पेकेजिंग व मार्केटिंग कर अधिक मुनाफा कमा रहे है। उन्होने खेती को उद्योग बना लिया है। नंदकिशोर की प्रसंस्करण ईकाई में 8 से 10 अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।
नीमच जिले के विकासखंड नीमच के ग्राम भोलियावास के किसान नंदकिशोर धाकड व्दारा 2.00 हैक्टेयर में धनिया की खेती की जा रही थी परन्तु केवल धनिया के उत्पादन से उतना मुनाफा नही होने से कृषक की रूची धनिये के प्रसंस्करण एवं निर्यात की ओर बढ़ने लगी । परन्तु उन्हें पूर्व में प्रसंस्करण एवं निर्यात के क्षैत्र में कोई अनुभव नही होने से उन्होने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ लिया। कृषक नंदकिशोर धाकड़ ने एक जिला एक उत्पाद योजना अन्तर्गत धनिया प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार करवा कर पी.एम.एफ.एम.ई.योजना में ऑनलाईन आवेदन किया।
किसान नंदकिशोर धाकड को बैंक द्वारा 26 लाख का लोन वितरित किया गया, कृषक नंदकिशोर को प्रसंस्करण इकाई स्थापना हेतु 35 प्रतिशत तक ऋण अनुदान का लाभ 9 लाख रूपये अनुदान मिला। कृषक नंदकिशोर वर्तमान में अपनी धनिया प्रसंस्करण इकाई में धनिया से धनिया पाउडर, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग कर रहे हैं। नंदकिशोर द्वारा 2 माह में कुल 10 क्विंटल धनिया पाउडर का प्रसंस्करण किया है। कृषक द्वारा 80 से 90 रूपये प्रति किलो की दर से 80 हजार रूपये में 10 क्विंटल धनिया खरीदा और बीस रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रसंस्करण एवं पैकिंग पर 20 हजार रूपये खर्च हुए। प्रसंस्कृत उत्पाद को 140 से 150 प्रति किलो की दर से एक लाख 50 हजार रूपये में बेचा। इस प्रकार कृषक नंदकिशोर को 50 हजार रूपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ है। कृषक नंदकिशोर द्वारा भविष्य में जिले में उत्पादित निर्यात योग्य किस्मों ए.सी.आर.2 एवं गुजरात-3 के प्रसंस्करण में रूची ली जा रही हैं, जिससे निर्यात की संभावनाएं बढ़ने से उसे होने वाला मुनाफा भी अधिक होगा।
व्यापार : एक जिला एक उत्पाद के तहत धनिया प्रसंस्करण ईकाई स्थापित कर खेती को उद्योग बनाया किसान नंदकिशोर धाकड़ ने
नीमच : नीमच जिले के ग्राम भोलियावास के किसान नंदकिशोर धाकड ने एक जिला एक उत्पाद के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ लेकर धनिया की प्रसंस्करण ईकाई की स्थापना कर खेती को उद्योग बना दिया है। अब वे धनिया का प्रसंस्करण कर, पाउडर बनाकर उसकी पेकेजिंग व मार्केटिंग कर अधिक मुनाफा कमा रहे है। उन्होने खेती को उद्योग बना लिया है। नंदकिशोर की प्रसंस्करण ईकाई में 8 से 10 अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।
नीमच जिले के विकासखंड नीमच के ग्राम भोलियावास के किसान नंदकिशोर धाकड व्दारा 2.00 हैक्टेयर में धनिया की खेती की जा रही थी परन्तु केवल धनिया के उत्पादन से उतना मुनाफा नही होने से कृषक की रूची धनिये के प्रसंस्करण एवं निर्यात की ओर बढ़ने लगी । परन्तु उन्हें पूर्व में प्रसंस्करण एवं निर्यात के क्षैत्र में कोई अनुभव नही होने से उन्होने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ लिया। कृषक नंदकिशोर धाकड़ ने एक जिला एक उत्पाद योजना अन्तर्गत धनिया प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार करवा कर पी.एम.एफ.एम.ई.योजना में ऑनलाईन आवेदन किया।
किसान नंदकिशोर धाकड को बैंक द्वारा 26 लाख का लोन वितरित किया गया, कृषक नंदकिशोर को प्रसंस्करण इकाई स्थापना हेतु 35 प्रतिशत तक ऋण अनुदान का लाभ 9 लाख रूपये अनुदान मिला। कृषक नंदकिशोर वर्तमान में अपनी धनिया प्रसंस्करण इकाई में धनिया से धनिया पाउडर, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग कर रहे हैं। नंदकिशोर द्वारा 2 माह में कुल 10 क्विंटल धनिया पाउडर का प्रसंस्करण किया है। कृषक द्वारा 80 से 90 रूपये प्रति किलो की दर से 80 हजार रूपये में 10 क्विंटल धनिया खरीदा और बीस रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रसंस्करण एवं पैकिंग पर 20 हजार रूपये खर्च हुए। प्रसंस्कृत उत्पाद को 140 से 150 प्रति किलो की दर से एक लाख 50 हजार रूपये में बेचा। इस प्रकार कृषक नंदकिशोर को 50 हजार रूपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ है। कृषक नंदकिशोर द्वारा भविष्य में जिले में उत्पादित निर्यात योग्य किस्मों ए.सी.आर.2 एवं गुजरात-3 के प्रसंस्करण में रूची ली जा रही हैं, जिससे निर्यात की संभावनाएं बढ़ने से उसे होने वाला मुनाफा भी अधिक होगा।