इंदौर जिले के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रा द्वारा जूनियर छात्रों से रैगिंग करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रैगिंग से त्रस्त जूनियर छात्रों ने सोशल मीडिया पर "प्लीज हेल्प मी" नाम से एक अकाउंट बनाया है और लिखा है कि यदि इंदौर में कहीं रावण की लंका है तो एमजीएम कॉलेज का बॉयज हॉस्टल है। छात्रों का कहना है कि सीनियर उन्हें घंटो-घंटो तक सिर झुकाकर खड़ा रखते है और प्रताड़ित भी करते है। रैगिंग की प्रताड़ना से परेशान होकर कई छात्रों ने हॉस्टल भी छोड़ दिया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, इंदौर एवं डीन एमजीएम, मेडिकल कॉलेज, इंदौर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। साथ ही पीडित छात्रों के कथन लेकर, सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराये गये वीडियो की जांच एवं छात्रों के हॉस्टल छोड़ने की परिस्थितियों पर समग्र रूप से विचार करके प्रतिवेदन मांगा है।
शहर : सीनियर ले रहे जूनियर की रैगिंग, प्रताड़ना से तंग आकर जूनियर छात्र छोड़ रहे हॉस्टल
इंदौर जिले के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रा द्वारा जूनियर छात्रों से रैगिंग करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रैगिंग से त्रस्त जूनियर छात्रों ने सोशल मीडिया पर "प्लीज हेल्प मी" नाम से एक अकाउंट बनाया है और लिखा है कि यदि इंदौर में कहीं रावण की लंका है तो एमजीएम कॉलेज का बॉयज हॉस्टल है। छात्रों का कहना है कि सीनियर उन्हें घंटो-घंटो तक सिर झुकाकर खड़ा रखते है और प्रताड़ित भी करते है। रैगिंग की प्रताड़ना से परेशान होकर कई छात्रों ने हॉस्टल भी छोड़ दिया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, इंदौर एवं डीन एमजीएम, मेडिकल कॉलेज, इंदौर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। साथ ही पीडित छात्रों के कथन लेकर, सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराये गये वीडियो की जांच एवं छात्रों के हॉस्टल छोड़ने की परिस्थितियों पर समग्र रूप से विचार करके प्रतिवेदन मांगा है।