पिता के कर्म पुत्रों में फूलों की सुगंध के रूप में सुशोभित होते हैं: डॉ. राजकुमार मालवीय
जन सहयोग सेवा समिति सीहोर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई सीहोर द्वारा 17 वें पुण्य स्मरण पर विराट कवि सम्मेलन आयोजित
सीहोर। परोपकार, सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन श्रद्धेय सेठ स्वर्गीय गेंदालाल राय ने सुदुर ग्रामीण अंचलों के गरीब जनमानस के हृदय में अमिट स्थान बनाया। उनके संस्कारों से फलित पुत्र भी उनके बनायें मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। एक पिता के कर्म फूलों की सुगंध के रूप में सदैव समाज में सुशोभित होते हैं। जिले के ग्रामीणों में आज भी सेठ जी के कई किस्से कहानियां प्रचलित हैं जिसमें उनके द्वारा किए गए गरीब कल्याण के कार्य, सहयोग, दान एवं परोपकारी स्वभाव स्वत: ही परिलक्षित होता है। यह कहना है पुण्य स्मरण में जन सहयोग सेवा समिति सीहोर द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि भाजपा नेता डॉ. राजकुमार मालवीय का। उन्होंने स्वर्गीय गेंदालाल राय के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये एवं नमन करते हुये श्रद्धांजलि दी। पिता को याद करते हुये उनके पुत्र सीहोर जिले के समाजसेवी अखिलेश राय भावुक हो गये और उनकी आंखों से आंसू छलक आये। जन सहयोग सेवा समिति सीहोर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई सीहोर द्वारा प्रतिवर्ष भांति क्रिसेंट के सभागार में सेठ स्वर्गीय गेंदालाल राय की स्मृति में विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ज्येष्ठ पुत्र राकेश राय ने पिता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रीचरणों में भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान डॉ. विजेंद्र जायसवाल द्वारा स्वर्गीय श्री गेंदालाल राय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व और जनमानस की सेवा समर्पण और उनके द्वारा आम जन के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की ।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. विजेंद्र जायसवाल ने किया एवं आभार व्यक्त लक्ष्मण चौकसे ने किया । इस अवसर पर प्रमुख रूप से गीतकार हरिओम शर्मा दाऊ, समाजसेवी नीलेश राय, दिनेश भोपाली, कवि बाबू मोशाय, जोरावर सिंह, महामंडलेश्वर अजय पुरोहित सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।
शहर : स्वर्गीय गेंदालाल राय की 17 वीं पुण्यतिथि मनाई गई
पिता के कर्म पुत्रों में फूलों की सुगंध के रूप में सुशोभित होते हैं: डॉ. राजकुमार मालवीय
जन सहयोग सेवा समिति सीहोर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई सीहोर द्वारा 17 वें पुण्य स्मरण पर विराट कवि सम्मेलन आयोजित
सीहोर। परोपकार, सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन श्रद्धेय सेठ स्वर्गीय गेंदालाल राय ने सुदुर ग्रामीण अंचलों के गरीब जनमानस के हृदय में अमिट स्थान बनाया। उनके संस्कारों से फलित पुत्र भी उनके बनायें मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। एक पिता के कर्म फूलों की सुगंध के रूप में सदैव समाज में सुशोभित होते हैं। जिले के ग्रामीणों में आज भी सेठ जी के कई किस्से कहानियां प्रचलित हैं जिसमें उनके द्वारा किए गए गरीब कल्याण के कार्य, सहयोग, दान एवं परोपकारी स्वभाव स्वत: ही परिलक्षित होता है। यह कहना है पुण्य स्मरण में जन सहयोग सेवा समिति सीहोर द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि भाजपा नेता डॉ. राजकुमार मालवीय का। उन्होंने स्वर्गीय गेंदालाल राय के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये एवं नमन करते हुये श्रद्धांजलि दी। पिता को याद करते हुये उनके पुत्र सीहोर जिले के समाजसेवी अखिलेश राय भावुक हो गये और उनकी आंखों से आंसू छलक आये। जन सहयोग सेवा समिति सीहोर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद् एवं राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई सीहोर द्वारा प्रतिवर्ष भांति क्रिसेंट के सभागार में सेठ स्वर्गीय गेंदालाल राय की स्मृति में विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ज्येष्ठ पुत्र राकेश राय ने पिता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रीचरणों में भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान डॉ. विजेंद्र जायसवाल द्वारा स्वर्गीय श्री गेंदालाल राय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व और जनमानस की सेवा समर्पण और उनके द्वारा आम जन के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की ।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. विजेंद्र जायसवाल ने किया एवं आभार व्यक्त लक्ष्मण चौकसे ने किया । इस अवसर पर प्रमुख रूप से गीतकार हरिओम शर्मा दाऊ, समाजसेवी नीलेश राय, दिनेश भोपाली, कवि बाबू मोशाय, जोरावर सिंह, महामंडलेश्वर अजय पुरोहित सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।