देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा - शारदा दीदी
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।
शहर : नीमच में आयोजित राजयोग तपस्या शिविर में 800 से अधिक ब्रह्मावत्सों ने भाग लिया
देहभान से मुक्त आत्म स्थिति का अनुभव ही हमारी रक्षा करेगा - शारदा दीदी
नीमच : ‘‘अगर हम अपने जीवन से असंतुष्ट हैं या किसी व्यक्ति के व्यवहार से डिस्टर्ब होते हैं तो हमें अपने आप से बातें कर अपनी ही काउंसलिंग करनी है । अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है । यह बात गहराई से महसूस करनी है कि इस सृष्टि रंगमंच पर हर व्यक्ति अपना रोल अदा कर रहा है । मुझे केवल अपनी भूमिका पर ध्यान देना है । यदि यह ध्यान रखें कि मैं इस सृष्टि नाटक में कैसे अपना पार्ट बेहतरीन ढंग से अदा कर सकता हूँ तो किसी दूसरे से दिया गया तनाव समाप्त हो जाएगा और क्षमा भाव जागृत होगा ।’’ उपरोक्त विचार विश्व विख्यात आध्यात्मिक विभूति बी.के.शारदा दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़, पावन धाम परिसर में आयोजित विशाल राजयोग तपस्या शिविर को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । आपने सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि समय पर निर्भरता छोड़कर समय से पहले ही हमें खुद को आत्मशक्ति सम्पन्न बनाना होगा । इसके लिए कर्मयोगी की अवस्था में रहकर कर्म करें और बीच बीच में शरीर के भान से मुक्त होकर अशरीरीपन अर्थात आत्मस्थिति का अनुभव करें तो आत्मा बलवान होती चली जाएगी । एक बलवान और सशक्त आत्मा किसी भी आने वाली परिस्थिति का सामना सहज करके पार हो जाएगी । शारदा दीदी जी ने 45 मिनिट से अधिक अपनी कॉमेन्ट्री के द्वारा उपस्थित विशाल सभा को शक्तिशाली आध्यात्मिक संकल्प प्रदान कर असीम सुख-शांति का अनुभव करवाया । बीच-बीच में प्रश्नोत्तर द्वारा आपने सभा में उपस्थित सभी ब्रह्मावत्सों को सक्रिय बनाए रखा । इस अवसर पर 60 से भी अधिक वर्षों से राजयोग तपस्या के मार्ग पर चल रहे वरिष्ठ चार्टड अकाउण्टेंट बी.के.जयेश भाई ने भी संस्था के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा ली गई पालना के अनुभव साझा किये तथा शारदा दीदी की सहयोगी बी.के.त्रिवेणी बहन ने भी राजयोग मेडिटेशन के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला । यह पूरा कार्यक्रम लगातार पांच घण्टे तक चला.. जिसमें 800 से भी अधिक ब्रह्मावत्सों ने पूरे अनुशासन और लगन के साथ कार्यक्रम का लाभ लिया । कार्यक्रम के प्रारंभ में राजयोगिनी बी.के.सविता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया साथ ही प्रत्येक आगंतुक ब्रह्मावत्स को बी.के.बहनों ने चन्दन का तिलक लगाकर सभागार में प्रवेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में ज्ञानोदय अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विनी कैथवास ने उपस्थित महिला वर्ग समूह को महिला रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी व सावधानियाँ बताई । इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सभी ने अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रख दिये थे । अंत में ब्रह्माकुमारीज़, नीमच सबझोन के डायरेक्टर बी.के.सुरेन्द्र भाई ने शारदा दीदी व जयेश भाई के साथ ही बी.के.त्रिवेणी बहन का तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी को आध्यात्मिक लाभ देने के लिए आभार प्रकट किया । कार्यक्रम के आखरी चरण में सभी को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बनाया गया दिव्य ब्रह्माभोजन परोसा गया, जिसका सभी ने रसास्वादन लिया ।