गुजरात: NRI गांव में धूमधाम से मनाया गया कृष्ण जन्मोत्सव, 200 साल पुराने मंदिर में दिखा खास नजारा

Like 27 Views 323
(Ahmedabad) 20-08-2022 Regional

गुजरात के नवसारी जिले में बसे धामण गांव के राधाकृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस गांव के प्रत्येक घर से कम से कम एक व्यक्ति विदेश में रहता है. इसलिए इसे एनआरआई गांव भी कहा जाता है.
देशभर में शुक्रवार को जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस कड़ी में गुजरात के नवसारी जिले में बसे धामण गांव के राधाकृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस गांव के प्रत्येक घर से कम से कम एक व्यक्ति विदेश में रहता है. इसलिए इसे एनआरआई गांव भी कहा जाता है. बताया जाता है कि इस गांव में करीब 200 साल पुराना राधा कृष्ण मंदिर है, जहां पांच बड़े पीपल के पेड हैं, इसलिए इसे पांच पिपला मंदिर भी कहते हैं. 

लोगों की मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में आस्था रखता है, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं. सात समंदर पार विदेश में बसे गांव के लोग जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष रूप से अपने गांव आते हैं. मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाने के बाद नवमी के दिन पूरा गांव एक साथ बैठकर खाना खाता है.
इस साल यूके के विलिंगबोरो से उष्मा पटेल अपनी 21 साल की बेटी पायल पटेल के साथ भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने और पालना जुलाने के लिए गांव आईं. इस साल मंदिर में जन्माष्टमी के आयोजन का पूर खर्च इसी पटेल परिवार ने उठाया. उष्मा पटेल का कहना है कि हमारे गांव के अधिकांश घरों में कम से कम एक सदस्य विदेश में है. विदेश में रहने के बाद भी हम अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ानी की जानकारी देने के लिए यहां लेकर आते हैं. खासकर यूएस, यूके और कनाडा में रहने वाले गांव के बुजुर्ग त्योहार के दौरान अपने बच्चों के साथ गांव में समय बिताना पसंद करते हैं.




धामण गांव है भाईचारे की मिसाल

बता दें कि राधा कृष्ण मंदिर धामण और डाभेल गांव के बीच एक खेत में स्थित है. करीब 7000 मुस्लिम बस्ती वाला डाभेल गांव, पुलिस की डायरी में दर्ज एक संवेदनशील गांव है. जहां मुस्लिम लोग इस मंदिर की पवित्रता का ख्याल रखते हैं तो वहीं धामण के एनआरआई लोग भी मुस्लिम समाज ट्रस्ट संचालित अस्पताल और स्कूल में अपना योगदान देते हैं. यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच काफी भाईचारा देखने को मिलता है.

प्रादेशिक