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  • भगवान कृष्ण का जन्म अधर्म का नाश ओर धर्म की स्थापना के लिये हुआ था : भगवताचार्य पंडित श्री राजोरा

    SSE NEWS NETWORK   - नीमच
    भगवान कृष्ण का जन्म अधर्म का नाश ओर धर्म की स्थापना के लिये हुआ था
    धर्म   - नीमच[30-04-2025]
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  • कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा


     
    सिंगोली। सिंगोली तहसील के ग्राम मुवादा में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को भगवताचार्य पंडित श्री  राजेश जी राजोरा  ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। जिसे सुनकर सभी श्राेता भक्ति में लीन हो गए।जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं.

    उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे।श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से भागवतचार्य श्री राजोरा जी ने पहले धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है।प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।

    कथा वाचक श्री राजोरा ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया।

    महान कथा वाचक श्री राजोरा ने  राम कथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने धरती को राक्षसो से मुक्त करने के लिये अवतार धारण किया।
    कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा   मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण का जयकारा बुलंद किया तो दूसरी ओर पंडाल के अगल-बगल  में भव्य आतिशबाजी कर कृष्ण जन्मोत्सव की खुशियां मनाते हुए एक दूसरे को आपस मे श्रद्धालुओं ने माखन मिश्री का प्रसाद मुंह मे देते हुए बधाइयां दी
    यह कथा समस्त ग्रामवासियो के तत्वाधान में आयोजित की जा रही
    अंत मे ग्रामीणों ने श्रीमद भागवत ग्रन्थ की  आरती एवं पूजा अर्चना कर महा प्रसादी वितरण की गई।

    रिपोर्ट : दिनेश जोशी 







  • भगवान कृष्ण का जन्म अधर्म का नाश ओर धर्म की स्थापना के लिये हुआ था : भगवताचार्य पंडित श्री राजोरा

    SSE NEWS NETWORK   - नीमच
    भगवान कृष्ण का जन्म अधर्म का नाश ओर धर्म की स्थापना के लिये हुआ था
    धर्म   - नीमच[30-04-2025]
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    कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा


     
    सिंगोली। सिंगोली तहसील के ग्राम मुवादा में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को भगवताचार्य पंडित श्री  राजेश जी राजोरा  ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। जिसे सुनकर सभी श्राेता भक्ति में लीन हो गए।जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं.

    उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे।श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से भागवतचार्य श्री राजोरा जी ने पहले धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है।प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब धरा पर मथुरा के राजा कंस के अत्याचार अत्यधिक बढ़ गए, तब धरती की करुण पुकार सुनकर श्री हरि विष्णु ने देवकी माता के अष्टम पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया। इसी प्रकार त्रेता युग में लंकापति रावण के अत्याचारों से जब धरा डोलने लगी तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जन्म लिया, ऐसे तमाम प्रसंग श्रोताओं को सुनाएं, जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता भक्ति भाव में तल्लीन हो गए। गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है।

    कथा वाचक श्री राजोरा ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुंदर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया।

    महान कथा वाचक श्री राजोरा ने  राम कथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने धरती को राक्षसो से मुक्त करने के लिये अवतार धारण किया।
    कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा   मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण का जयकारा बुलंद किया तो दूसरी ओर पंडाल के अगल-बगल  में भव्य आतिशबाजी कर कृष्ण जन्मोत्सव की खुशियां मनाते हुए एक दूसरे को आपस मे श्रद्धालुओं ने माखन मिश्री का प्रसाद मुंह मे देते हुए बधाइयां दी
    यह कथा समस्त ग्रामवासियो के तत्वाधान में आयोजित की जा रही
    अंत मे ग्रामीणों ने श्रीमद भागवत ग्रन्थ की  आरती एवं पूजा अर्चना कर महा प्रसादी वितरण की गई।

    रिपोर्ट : दिनेश जोशी 





  • धर्म: पंचमुखी बालाजी मंदिर पर शिखर कलश स्थापना और भंडारे का होगा भव्य आयोजन

    धर्म:
    धर्म   - नीमच[03-05-2025]
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  • धर्म: पंचमुखी बालाजी मंदिर पर शिखर कलश स्थापना और भंडारे का होगा भव्य आयोजन

    पंचमुखी बालाजी मंदिर पर शिखर कलश स्थापना और भंडारे का होगा भव्य आयोजन
    धर्म   - नीमच[03-05-2025]
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  • धर्म: ग्राम मुवादा में श्री राजोरा के मुखारबिंद से बह रही धर्म गंगा.....कृष्ण बाललीला,कंस व पूतनावध एवं कृष्ण रुक्मिणी विवाह का वर्णन सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु

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    धर्म   - नीमच[01-05-2025]
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    ग्राम मुवादा में श्री राजोरा के मुखारबिंद से बह रही धर्म गंगा.....कृष्ण बाललीला,कंस व पूतनावध एवं कृष्ण रुक्मिणी विवाह का वर्णन सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
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  • धर्म: कलयुग में चल रहा, काली कलकत्ते वाली का कंकाली खेल!

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     भगवताचार्य पंडित श्री राजोरा
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  • धर्म: जलेश्वर महादेव हरवार में लगेगा मेला

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  • धर्म: श्री गुर्जरखेड़ा धाम जावी में पाती विसर्जन के बाद हुई छमाही भविष्यवाणी....

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    धर्म   - नीमच[21-04-2025]
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  • धर्म: श्री गुर्जरखेड़ा धाम जावी में छमाही भविष्यवाणी 20 अप्रैल, रविवार को....

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  • धर्म: मोइनुद्दीन सरकार उर्स के मौके पर सूफियाना कव्वाली पेश की.....जायरिनों ने पहुंचकर लंगर आयोजन में भाग लिया ।

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    धर्म   - नीमच[12-04-2025]
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  • धर्म: मोइनुद्दीन सरकार उर्स के मौके पर सूफियाना कव्वाली पेश की.....जायरिनों ने पहुंचकर लंगर आयोजन में भाग लिया ।

    मोइनुद्दीन सरकार उर्स के मौके पर सूफियाना कव्वाली पेश की.....जायरिनों ने पहुंचकर लंगर आयोजन में भाग लिया ।
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  • धर्म: मल्हारगढ़ कृषि उपज मंडी में श्री कण कण पंचमुखी बालाजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

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    धर्म   - मंदसौर[11-04-2025]
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  • धर्म: मल्हारगढ़ कृषि उपज मंडी में श्री कण कण पंचमुखी बालाजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

    मल्हारगढ़ कृषि उपज मंडी में श्री कण कण पंचमुखी बालाजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
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  • धर्म: त्रिशला नंदन वीर की जय बोलो महावीर की स्वरलहरियो से गूंजा जीरन नगर

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  • धर्म: शंकर लख्खा के भजनों की सरिता में आधी रात तक डूबकियां लगाते रहे हजारों श्रद्धालु

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    धर्म   - नीमच[06-04-2025]
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  • धर्म: ऐतिहासिक श्री गुर्जरखेड़ा धाम जावी में चैत्र नवरात्रि का हवन व कन्या पूजन 7 अप्रैल सोमवार को और छमाही भविष्यवाणी 20 अप्रैल, रविवार को.....

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  • धर्म: आरोग्‍य तीर्थ के रूप में सुप्रसिद्ध मोड़ी माता जी का मंदिर मां के दरबार में मिलती है असाध्‍य रोगों से जल्‍दी ही मुक्ति

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  • धर्म: बरूखेडा में नवग्रह शनि मंदिर का स्थापना दिवस 3 को मनेगा, होंगे विभिन्न आयोजन

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