शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में धूमधाम से मनाई गई वाल्मीकि जयंती

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SSE NEWS NETWORK (Agar Malwa) 18-10-2024 Regional

नलखेड़ा : स्थानीय सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा जिला आगर मालवा में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के तत्वाधान में  नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी गिरिराज जी पुरोहित के मुख्य आतिथ्य एवं प्राचार्य डॉ. जी. एल.रावल की अध्यक्षता में वाल्मीकि जयंती मनाई गई l कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि एवं प्राचार्य द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया एवं प्राचार्य द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया l कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गिरिराज जी पुरोहित द्वारा महर्षि वाल्मीकि के जीवन प्रसंगों को बड़े ही रुचि पूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया l कथा प्रसंग में मुख्य रूप से महर्षि वाल्मीकि जी के जन्म, लालन पालन, रत्नाकर से वाल्मीकि बनने की कथा, आदि कवि बनने की कथा, रामायण लेखन की कथा को वर्तमान तारतम्य में जोड़ते हुए प्रस्तुत किया गया l  पुरोहित ने बताया कि जहां विश्व विभिन्न षड्यंत्रकारी शक्तियों के माध्यम से भारतीय और भारतीयता को खत्म करने पर तुला हुआ है, वही इसकी गौरवशाली संस्कृति ने इस देश को संजोये रखा है l विभिन्न आक्रांताओं ने *फूट डालो शासन करो* की नीति को अपनाते हुए  भारत को, भारतीयता को, भारतीय संस्कृति को, जातियों में, वर्गों में, क्षेत्रों  मे बांटना चाहते हैं, लेकिन यह भारतीय लोगों के संस्कार हैं, जो हम लोगों को जोड़े रखें है l इसमें सामाजिक समरसता एक महत्वपूर्ण पायदान है l उन्होंने मां बगलामुखी मंदिर में नवदिवसीय भोजन प्रसादी के बारे में बताते हुए इसे सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण माना l उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से संस्कृति से जुड़े रहने और सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का आह्वान किया l उन्होंने कहा कि श्रद्धा और अटूट विश्वास से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है l उन्होंने भारत को जमीन का टुकड़ा मात्र ना मानते हुए वेदों की सूक्तियां के माध्यम से भारत को विश्व पूजित भारत माता के रूप में संजीव चित्रित किया l  उन्होंने संगठित होकर राष्ट्र के निर्माण हेतु सृजनकारी प्रवृतियों के उत्थान हेतु कार्य करने की प्रेरणा दी l  भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. सर्वेश व्यास द्वारा आधुनिक शिक्षा प्रणाली और महर्षि वाल्मीकि का योगदान विषय पर महर्षि वाल्मीकि के जीवन प्रसंगों के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मे  महर्षि वाल्मीकि के जीवन एवं उनके काव्य की प्रासंगिकता की व्याख्या की गई l अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. जी. एल. रावल द्वारा शासन, प्रशासन एवं महाविद्यालय स्तर पर भारतीय संस्कृति को संजोये रखने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की विस्तृत व्याख्या की गई l कार्यक्रम का संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. जितेंद्र चावरे द्वारा किया गया एवं आभार भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. सुखदेव बैरागी द्वारा माना गया l इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय का स्टाफ एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे l

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