देवास जिले के मां चामुंडा टेकरी में एक नेता के पुत्र द्वारा बंद हो चुके मंदिर के पट को रात्रि के समय जबरन खुलवाने एवं मंदिर के पुजारी के साथ मारपीट करने की घटना सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेता के पुत्र अपने समर्थकों के काफिले के साथ रात्रि के समय मंदिर पहुंचे। सभी गाडियों पर लाल बत्ती और हुटर लगे हुये थे। नेता के पुत्र ने जबरदस्ती शंख द्वार खुलवाया और बंद हो चुके मंदिर के पट खोलने की जिद पर अड़ गया। पुजारी ने समझाया की रात्रि 12 बजे के बाद मंदिर बंद हो जाता है, लेकिन नेता के पुत्र और उसके समर्थको ने न सिर्फ पुजारी से अभद्रता की बल्कि थप्पड़ मारे और गोली मारने की धमकी देने लगे। इसके बाद मंदिर के पट खुलवाए गये। इस संबंध में जब पीडित पुजारी और उनके पिता अपनी शिकायत लेकर कोतवाली पुलिस थाने पहुंचे तो प्रधान आरक्षक ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीडित पुजारी केस दर्ज कराने के लिये अगले दिन दिनभर भटकते रहे। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, देवास से मामले की जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्व की गई कार्यवाही एवं आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही ऐसे वाहनों एवं व्यक्तियों को रात्रि में गेट बंद होते हुये गेट खोल कर टेकरी पर जाने देने के लिये दोषी व्यक्ति/कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्व की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
देवास जिले के मां चामुंडा टेकरी में एक नेता के पुत्र द्वारा बंद हो चुके मंदिर के पट को रात्रि के समय जबरन खुलवाने एवं मंदिर के पुजारी के साथ मारपीट करने की घटना सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेता के पुत्र अपने समर्थकों के काफिले के साथ रात्रि के समय मंदिर पहुंचे। सभी गाडियों पर लाल बत्ती और हुटर लगे हुये थे। नेता के पुत्र ने जबरदस्ती शंख द्वार खुलवाया और बंद हो चुके मंदिर के पट खोलने की जिद पर अड़ गया। पुजारी ने समझाया की रात्रि 12 बजे के बाद मंदिर बंद हो जाता है, लेकिन नेता के पुत्र और उसके समर्थको ने न सिर्फ पुजारी से अभद्रता की बल्कि थप्पड़ मारे और गोली मारने की धमकी देने लगे। इसके बाद मंदिर के पट खुलवाए गये। इस संबंध में जब पीडित पुजारी और उनके पिता अपनी शिकायत लेकर कोतवाली पुलिस थाने पहुंचे तो प्रधान आरक्षक ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीडित पुजारी केस दर्ज कराने के लिये अगले दिन दिनभर भटकते रहे। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, देवास से मामले की जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्व की गई कार्यवाही एवं आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही ऐसे वाहनों एवं व्यक्तियों को रात्रि में गेट बंद होते हुये गेट खोल कर टेकरी पर जाने देने के लिये दोषी व्यक्ति/कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्व की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।