पर्यावरण सेवक समारोह में पर्यावरण स्टॉल लगाकर देतें है जल संरक्षण का संदेश
भोजनशाला में भोजन को जूठा नहीं छोड़े इसके लिए तख्तियों व बैनरों से करते हैं जागरूक
भीलवाड़ा : जोधपुर शहर के शास्त्री नगर में कृष्ण कुमार बिश्नोई एसपी संभल उत्तरप्रदेश के नवीन गृहप्रवेश के अवसर पर आयोजित सामाजिक समारोह में एक ऐसी टीम सेवा देती नजर आयी जो लोगों को स्वयं के प्रति व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर समारोह में नशे की मनुहार व सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रखकर उसकी जगह तांबे के लोटों से जलपान कराती देखी गयी वो भी निशुल्क सेवा के रूप में।
*पर्यावरण टीम का लक्ष्य*
कोशिश पर्यावरण सेवक टीम सांचौरी-मालाणी के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई से बात करने पर बताया कि इस टीम का मिशन है कि नशे के विरुद्ध गांव-गांव व घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना और नशे के इस्तेमाल पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगवाना दूसरा सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगवाकर धातु व मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करने हेतु लोगों को जागरूक करना ताकि धरती मां को प्रदूषण से मुक्त किया जा सके तीसरा विवाह व अन्य सामाजिक समारोह में हम देखते हैं एक तरफ दुनियाभर का भोजन जूठा छोड़ दिया जाता है और वो भोजन व्यर्थ नाली में बह जाता है दूसरी तरह भोजन नहीं मिलने से दुनिया में काफी लोग काल ग्रसित हो जाते हैं तो उस भोजन को बचाकर जरूरतमंद तक पहूंचाने का प्रयास करना।
*पर्यावरण टीम द्वारा दी जाने वाली सेवाएं*
पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्थान जोधपुर द्वारा प्रायोजित कोशिश पर्यावरण सेवक टीम केवल एक क्षेत्र ही नहीं विश्व स्तर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे चुकी है जहां अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद् खमुराम बिश्नोई के नेतृत्व में फ्रांस, स्विट्जरलैंड सहित कई देशों में पर्यावरण संरक्षण पर व्याख्यान व पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर चुकी है।अब टीम का लक्ष्य है गांव-गांव व घर-घर तक जाकर लोगों को जागरूक करना है ताकि मानव नशामुक्त हो सके और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझ सके।इसके लिए अब पर्यावरण टीम के सदस्य यानि पर्यावरण सेवक एक विशेष राजस्थानी पोशाक धोती-कुर्ता व साफा पहनकर बहुत ही अनुशासित तरीके से लोगों के पहूंच रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।इस टीम के सेवक सामाजिक समारोह वाले परिवार से पहले संपर्क कर अपनी शर्तों पर स्वीकृति लेते हैं जिसमें पहली शर्त है समारोह में नशे की मनुहार पर पूर्णतया प्रतिबंध रखा जाए और दूसरी शर्त है सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं हो ये शर्त स्वीकार करने पर पर्यावरण सेवक समारोह को पर्यावरणमय बनाते हुए भव्य पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति नैतिक जिम्मेदारी से अवगत कराते हैं फिर पर्यावरण स्टॉल लगाकर लोगों को तांबे के लोटों से जलपान कराते हुए जल संरक्षण कल संरक्षण का संदेश देते हैं यानि हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति अपनाने हेतु प्रेरित करते हैं फिर एक भयंकर समस्या समारोह में दुनियाभर का भोजन जूठा छोड़ दिया जाता है यानि बंफर खाने में लोग पहले थालियां भर लेते हैं फिर जूठा छोड़ देते हैं वो भोजन व्यर्थ नाली में बह जाता है उस प्रवृत्ति को बदलने के लिए पर्यावरण सेवक सर्वप्रथम भोजनशाला में अन्नदेव के महत्व व भोजन के अभाव में दुनियाभर के लोगों की कालग्रसित होने की सूचनाओं को तख्तियों व बैनरों पर लिखकर भोजनशाला में लगाते हैं ताकि भोजन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उन संदेशों को पढ़कर प्रेरित हो सके और अन्न का आदर कर सके साथ ही पर्यावरण सेवक भोजनशाला में माईक पर आवाज देकर समझाते हैं कि भोजन का जूठा छोङना यानि अन्न का अपमान करना है जो भारतीय सनातन संस्कृति में पाप माना जाता है इसके अलावा भी यदि लोग भोजन को जूठा छोड़ देते हैं तो पर्यावरण सेवक उस अन्न को लोगों के सामने इकट्ठा कर समझाते हैं कि यह भोजन किसी के काम नहीं आयेगा।इस तरह का संदेश देने के लिए टीम शहर के शास्त्री नगर पहूंची और लोगों जागरूक कर प्रेरित किया।
राज्य : विवाह समारोह में नशे की मनुहार नहीं हो इसके लिए कोशिश पर्यावरण सेवक टीम देती है निशुल्क सेवा
पर्यावरण सेवक समारोह में पर्यावरण स्टॉल लगाकर देतें है जल संरक्षण का संदेश
भोजनशाला में भोजन को जूठा नहीं छोड़े इसके लिए तख्तियों व बैनरों से करते हैं जागरूक
भीलवाड़ा : जोधपुर शहर के शास्त्री नगर में कृष्ण कुमार बिश्नोई एसपी संभल उत्तरप्रदेश के नवीन गृहप्रवेश के अवसर पर आयोजित सामाजिक समारोह में एक ऐसी टीम सेवा देती नजर आयी जो लोगों को स्वयं के प्रति व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर समारोह में नशे की मनुहार व सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रखकर उसकी जगह तांबे के लोटों से जलपान कराती देखी गयी वो भी निशुल्क सेवा के रूप में।
*पर्यावरण टीम का लक्ष्य*
कोशिश पर्यावरण सेवक टीम सांचौरी-मालाणी के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई से बात करने पर बताया कि इस टीम का मिशन है कि नशे के विरुद्ध गांव-गांव व घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना और नशे के इस्तेमाल पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगवाना दूसरा सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगवाकर धातु व मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करने हेतु लोगों को जागरूक करना ताकि धरती मां को प्रदूषण से मुक्त किया जा सके तीसरा विवाह व अन्य सामाजिक समारोह में हम देखते हैं एक तरफ दुनियाभर का भोजन जूठा छोड़ दिया जाता है और वो भोजन व्यर्थ नाली में बह जाता है दूसरी तरह भोजन नहीं मिलने से दुनिया में काफी लोग काल ग्रसित हो जाते हैं तो उस भोजन को बचाकर जरूरतमंद तक पहूंचाने का प्रयास करना।
*पर्यावरण टीम द्वारा दी जाने वाली सेवाएं*
पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्थान जोधपुर द्वारा प्रायोजित कोशिश पर्यावरण सेवक टीम केवल एक क्षेत्र ही नहीं विश्व स्तर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे चुकी है जहां अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद् खमुराम बिश्नोई के नेतृत्व में फ्रांस, स्विट्जरलैंड सहित कई देशों में पर्यावरण संरक्षण पर व्याख्यान व पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर चुकी है।अब टीम का लक्ष्य है गांव-गांव व घर-घर तक जाकर लोगों को जागरूक करना है ताकि मानव नशामुक्त हो सके और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझ सके।इसके लिए अब पर्यावरण टीम के सदस्य यानि पर्यावरण सेवक एक विशेष राजस्थानी पोशाक धोती-कुर्ता व साफा पहनकर बहुत ही अनुशासित तरीके से लोगों के पहूंच रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।इस टीम के सेवक सामाजिक समारोह वाले परिवार से पहले संपर्क कर अपनी शर्तों पर स्वीकृति लेते हैं जिसमें पहली शर्त है समारोह में नशे की मनुहार पर पूर्णतया प्रतिबंध रखा जाए और दूसरी शर्त है सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं हो ये शर्त स्वीकार करने पर पर्यावरण सेवक समारोह को पर्यावरणमय बनाते हुए भव्य पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति नैतिक जिम्मेदारी से अवगत कराते हैं फिर पर्यावरण स्टॉल लगाकर लोगों को तांबे के लोटों से जलपान कराते हुए जल संरक्षण कल संरक्षण का संदेश देते हैं यानि हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति अपनाने हेतु प्रेरित करते हैं फिर एक भयंकर समस्या समारोह में दुनियाभर का भोजन जूठा छोड़ दिया जाता है यानि बंफर खाने में लोग पहले थालियां भर लेते हैं फिर जूठा छोड़ देते हैं वो भोजन व्यर्थ नाली में बह जाता है उस प्रवृत्ति को बदलने के लिए पर्यावरण सेवक सर्वप्रथम भोजनशाला में अन्नदेव के महत्व व भोजन के अभाव में दुनियाभर के लोगों की कालग्रसित होने की सूचनाओं को तख्तियों व बैनरों पर लिखकर भोजनशाला में लगाते हैं ताकि भोजन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उन संदेशों को पढ़कर प्रेरित हो सके और अन्न का आदर कर सके साथ ही पर्यावरण सेवक भोजनशाला में माईक पर आवाज देकर समझाते हैं कि भोजन का जूठा छोङना यानि अन्न का अपमान करना है जो भारतीय सनातन संस्कृति में पाप माना जाता है इसके अलावा भी यदि लोग भोजन को जूठा छोड़ देते हैं तो पर्यावरण सेवक उस अन्न को लोगों के सामने इकट्ठा कर समझाते हैं कि यह भोजन किसी के काम नहीं आयेगा।इस तरह का संदेश देने के लिए टीम शहर के शास्त्री नगर पहूंची और लोगों जागरूक कर प्रेरित किया।